शुक्रवार, 1 जुलाई 2022

19 जून 2022 - राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं पुरस्कार समारोह

 












08 जून 2022 - राज्यस्तरीय यूनिकोड मंगल प्रशिक्षण कार्यशाला एवं हिंदी में रोजगार की संभावनाएं







 

Description: hNmgXKaheDQ__TuHS8wETH2y4g46SUKrRtiN_C_T7zOQuKWBTe_tKuA_xflhm51BaCSXtY0EfW01GwKKwfQaUcF7GlL3yy8N7Z4KnWz6Kp-ZaYgXOoy62BEYYbFqBdXOQTOrjF7kबैंक ऑफ बड़ौदा, क्षेत्रीय कार्यालय पुणे तथा

पूना कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइन्स व कॉमर्स, कैम्प, पुणे

IQAC एवं हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में

राज्यस्तरीय यूनिकोड मंगल प्रशिक्षण कार्यशाला,

हिंदी में रोजगार की संभावनाएं

तिथि – बुधवार दि.08 जून 2022

स्थल – पूना कॉलेज, कैम्प, पुणे 411001(ग्रंथालय)                                                समय – सुबह 11 बजे से 01 बजे तक

कार्यक्रम पत्रिका

 

स्वागत –              प्रा. मोइनूद्दीन खान, उपप्राचार्य

प्रस्तावना –             डॉ. मोहम्मद शाकिर शेख, हिंदी विभागाध्यक्ष

मार्गदर्शन - हिंदी में रोजगार की संभावनाएं – मालविका, राजभाषा अधिकारी

यूनिकोड मंगल प्रशिक्षण - मालविका, राजभाषा अधिकारी

अध्यक्षीय –              प्रोफेसर- डॉ. आफताब अनवर शेख

संचालन एवं आभार –  डॉ. बाबा शेख

12 May 2022 - अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी - डॉ. विमल कुमार, केलिफोर्निया













 

जीवन के अनुभव ही वास्तविक संपत्ति होती है

-डॉ. विमल कुमार, केलिफोर्निया

        जीवन का सत्य है “कुछ ऐसा लगता है” अतः मनुष्य के जीवन के अनुभव ही उसकी वास्तविक संपत्ति होती है। इस आशय का प्रतिपादन प्रवासी भारतीय कवि तथा केलिफोर्निया, अमेरिका के निवासी डॉ. विमल कुमार ने किया। अंजुमन खैरुल इस्लाम संस्था से संलग्नित पूना कॉलेज मे आयोजित भौतिक तथा आभासी अंतर राष्ट्रीय गोष्ठी में वे अपना मन्तव्य दे रहे थे।

        पूना कॉलेज हिंदी विभाग, एन सी सी डिविजन, आय क्यू ए सी प्रकोष्ठ,  विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान प्रयागराज तथा सोशल डेवलपमेंट फ़ाउंडेशन, जलगांव के संयुक्त तत्वावधान में इस गोष्ठी का आयोजन किया गया था। डॉ. विमल कुमार के काव्य संग्रह कुछ ऐसा लगता है का विमोचन एवं परिचर्चा प्रस्तुत गोष्ठी में हुई।  पूना कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आफताब अनवर शेख ने गोष्ठी की अध्यक्षता की। डॉ. विमल कुमार ने आगे कहा कि “मन के विकारों पर नियंत्रण ही जीवन को सफलता प्रदान करते है । अतः अच्छे कर्म करने चाहिए। क्षमा, दया, प्रेम ये तीन महत्वपूर्ण पहलू जीवन को यश की कोटी तक पहुँचा देते है।”

        मुख्य अतिथि तथा सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. विजय कुमार रोडे  ने अपने मन्तव्य में कहा कि “प्रत्येक व्यक्ति का जीवन विस्तार अनुभव से भरा हुआ है।  हर व्यक्ति अपने अनुभवों से जीवन में परिवर्तन ला सकता है। यही उसकी अनुपम शक्ति होती है। डॉ. विमल जी की गद्यात्मक कविता पाठक पर अमित प्रभाव छोड़ देती है। उनकी कविता सकारत्मकता से ओतप्रोत है। प्रेम, संवाद, संवेदनशीलता और सौहार्द ही डॉ. विमल कुमार की कविता के मुख्य आधार है। ”

विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. शाहबुद्दीन शेख ने कहा कि कुछ ऐसा लगता है काव्य संग्रह में लगभग 250 पृष्ठों में 103 कवितायें समाहित है। इन कविताओं में डॉ. विमल कुमार की आपबीती के भी दर्शन होते है। अनुभूति की प्रामाणिकता, जीवन की सत्यता और भोगा हुआ यथार्थ उनकी कविता में अनायास पाया जाता है। सोशल डेव्लपमेंट जलगांव के अध्यक्ष श्री कैलास मालखेड़े ने अपने मन्तव्य में कहा कि डॉ. विमल कुमार के अनुभव भी हमारे जीवन के लिये महत्वपूर्ण है जिनसे हमे लाभ ही होगा। श्री सौरभ मातड़े ने विमल कुमार के काव्य संग्रह की कुछ कविताओं का वाचन किया।

        गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पूना कॉलेज पुणे के प्राचार्य डॉ. आफताब अनवर शेख ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि डॉ. विमल कुमार की काव्य कृति कुछ ऐसा लगता है अत्यंत रोचक पठनीय व प्रेरणादायी है। काव्य संग्रह की प्रत्येक कविता पाठक को संदेश देने मे निःसन्देह सक्षम है। पूना कॉलेज राष्ट्रभाषा हिंदी के कार्यक्रमों को आयोजित करने में निरंतर अग्रभागी होता है।  

 विलास किरोते ने अपने कथन में कहा कि बिमल कुमार की कविताओं में उनके अपने जीवन की झांकी प्रस्तुत है। गोष्ठी का शुभारंभ एनसीसी गीत हम सब भारतीय है से आरंभ हुआ। गोष्ठी में प्रतिभागी के रूप में श्रीमती दीपिका कटरे , पृथा फाउंडेशन की अध्यक्षा मीनाक्षी भालेराव, चंदा डांगी, मंदसौर, मध्यप्रदेश, डॉ. सुषमा कोंडे , प्रोफेसर डॉ. मधुकर राठोड, डॉ. बालासाहेब सोनवणे, कांचन पाडलकर, डॉ. अब्दुल अज़ीज़ आंबेकर तथा अब्दुल्ला खान सहित भौतिक रूप से सौ से अधिक प्रतिभागी एवं यू ट्यूब पटल पर असंख्य प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता दर्शाई। संगोष्ठी की सफलता हेतु तनवीर, मोहसीन मोकाशी, एन सी सी कैडेट्स ने परिश्रम किए।  

प्रास्ताविक भाषण पूना कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष सब लेफ्टनेंट डॉ. मोहम्मद शाकिर शेख ने किया। गोष्ठी का सुंदर व सफल संचालन डॉ. बाबा शेख ने किया । नीता मालखेड़े ने धन्यवाद ज्ञापन किया।  

25 मार्च 2023 - इंद्रधनुष कवि सम्मेलन

पूना कॉलेज हिंदी विभाग , आय क्यू ए सी तथा प्रतिभा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में कवि सम्मेलन इंद्रधनुष्य दि. 25   मार्च 2023   शाम...