मंगलवार, 15 मार्च 2022

दि. 08 जनवरी 2022 - कवि सम्मेलन द्वारा मरहूम साहित्यकारों को श्रद्धांजली


 

कवि सम्मेलन द्वारा मरहूम साहित्यकारों को श्रद्धांजली

दि. 08 जनवरी 2022

        पूना कॉलेज हिंदी विभाग एवं प्रयास हिंदी, उर्दू, मराठी साहित्य अकादमी पुणे की ओर से विगत दिनों में प्रयास से जुड़े भूतपूर्व साहित्यकारों को भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित की गयी। प्राचार्य डॉ. आफताब अनवर शेख के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पुणे के मशहूर शायर इब्राहिम अमर ने की।

        प्रयास संस्था के भूतपूर्व सदस्य मरहूमा शमशाद जलील शाद, मरहूमा विजया टेकसिंघानी, मरहूम सैयद आसिफ़ तथा मरहूम अनीस चिश्ती को श्रद्धांजली अर्पित की गयी। गजलकार रफीक काज़ी, प्रा. उद्धव महाजन बिस्मिल, कांचन पाडलकर तथा जिया बागपती ने मरहूम साहित्यकारों के संबंध में अपने विचारों की अभिव्यक्ति की।

        दीपिका कटरे, अतिक शेख, महेंद्र माणिक, मीनाक्षी भालेराव, शिवाजी उराडे, नानाभाऊ माली, अशोक भांबूरे, शहाना अरब, शबाना अरब, अब्दुल हमीद हुनर, अब्दुल्ला अंसारी आदि ने अपनी काव्य रचना द्वारा दिवंगतों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।  कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन सब लेफ्टनेंट डॉ. शाकिर शेख, डॉ. बाबा शेख, ज़िया बागपती ने तथा आभार कांचन पाडलकर तथा अब्दुल हमीद हुनर ने किया।  





    

सोमवार, 14 मार्च 2022

05 मार्च 2022 - अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस संगोष्ठी, सम्मान समारोह, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह

दि. 06 मार्च 2022

        हिंदी के अध्यापक बड़े भाग्यशाली हैं, जो राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार और विकास में अपनी अध्यापकीय सेवा के माध्यम से प्रशंसनीय योगदान कर रहे हैं। अतः उन्हें उदासीनता से दूर रहकर उत्साह से अपना कार्य निभाना चाहिए। इस आशय का प्रतिपादन अंजुमन खैरुल इस्लाम संस्था के पूना कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आफताब अनवर शेख ने किया। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, उज्जैन के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महाराष्ट्र की संत परंपरा का सामाजिक व साहित्यिक योगदान तथा महिला सम्मान समारोह के उपलक्ष्य में वे अध्यक्षीय मन्तव्य दे रहे थे। प्राचार्य डॉ. शेख ने आगे कहा कि हिंदी विश्व मंच पर तो पहुँच चुकी है, परंतु देश में हिंदी की स्थिति अत्यंत चिंतनीय है, अतः हिंदी अध्यापकों को बड़ी कर्मठता के साथ हिंदी की सेवा करनी चाहिए।

        राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. शहाबुद्दीन शेख ने कहा कि महाराष्ट्र संतों की पवित्र भूमि है, इस भूमि में समय समय पर अनेक संतों का आविर्भाव हुआ। महाराष्ट्र के संतों ने समाजहित में निरंतर कार्य करते हुए जनकल्याण की भावना को विशेष महत्व दिया। संत ज्ञानेश्वर, संत नामदेव, संत एकनाथ, संत तुकाराम, संत रामदास जैसे महान संतों ने अपने कर्म से महाराष्ट्र को महती प्रदान की है।       प्रारम्भ में राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के सचिव डॉ. प्रभू चौधरी ने गोष्ठी के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। महाराष्ट्र प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. भरत शेणकर ने प्रस्तावना की। डॉ. शहनाज शेख तथा डॉ. ललिता अध्यापक ने प्रपत्र पढे। 

        डॉ. बाबा शेख ने अपना मन्तव्य किया। इस अवसर पर डॉ. प्रभू चौधरी द्वारा लिखित तथा राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती सुवर्णा जाधव द्वारा मराठी में अनूदित पुस्तक देवनागरी लिपि – उगमा पासून आता पर्यंत का विमोचन किया गया। प्रथम सत्र का संचालन डॉ. रज़िया शेख, बसमतनगर ने क्या तथा आभार ज्ञापन पूना कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष एवं संगोष्ठी संयोजक सब लेफ्टनेंट डॉ. मोहम्मद शाकिर शेख ने किया।

        द्वितीय सत्र में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में केरल, नई दिल्ली, असम, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा महाराष्ट्र की लगभग 60 विविध क्षेत्र की महिलाओं को मान्यवर अतिथियों के करकमलों द्वारा विभिन्न सम्मानों से विभूषित किया गया। इस सत्र का संचालन प्रा. रोहिणी डावरे, अकोले ने किया। समारोह में डॉ. अरुणा शुक्ला, नांदेड़, डॉ. मुक्ता कौशिक, रायपुर, डॉ. भुवनेश्वरी जायस्वाल , कोरबा, डॉ. कविता राजपूत, मुंबई, डॉ. दीपिका सुतोदिया, गुवाहाटी, श्रीमती सविता इंगले, पुणे, श्री अशोक जाधव, श्री प्रजापति, मुंबई, श्रीमती सीमा निगम, रायपुर, उपप्राचार्य मोइनूद्दीन खान, उपप्राचार्य इम्तियाज़ आगा, डॉ. प्रिया ए. केरल, श्रीमती उपमा, लखनऊ, प्राचार्य नजमा बनो मालिक, नवसारी गुजरात आदि की विशेष उपस्थिति रही।

     







 

17 फरवरी 2022 - युवा संसद, नेहरू हुआ केंद्र के तत्वावधान में




 

10 जनवरी 2022- विश्व हिंदी दिवस वेबिनार

सरकारी तथा निजी क्षेत्रों में हिंदी छात्रों के लिए सुनहरे अवसर

पूना कॉलेज में विश्व हिंदी दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनर में  डॉ. पूनम मानकर पिसे ने छात्रों का किया मार्गदर्शन  

        “हिंदी का अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए सरकारी तथा निजी क्षेत्रों में रोजगार के सुनहरे अवसर उपलब्ध हैं। लगन, परिश्रम तथा मेहनत से छात्र हिंदी में अपना कैरियर बना सकते हैं।” ऐसा मन्तव्य डॉ. पूनम मानकर पिसे, अकोला ने राष्ट्रीय वेबिनार में व्यक्त किया। पूना कॉलेज हिंदी विभाग द्वारा विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में देश के प्रदेशों से 135 से अधिक हिंदी अध्यापक एवं छात्रों ने इसमें सहभाग लिया।

         प्राचार्य डॉ. आफताब अनवर शेख ने उदघाटन करते हुए कहा कि “रोजगार केवल रुपये पैसे ही नहीं देता बल्कि ज्ञान, मान सम्मान के साथ सफलता भी देता है। हिंदी का अध्ययन करनेवाले छात्रों ने रोजगार के लिए मायूस नहीं होना चाहिए, बल्कि हिंदी के साथ साथ स्वयं का भी विकास करना ज़रूरी है।”

        डॉ. अर्चना गौतम, एफ.टी.आय. पुणे  ने फ़िल्म और टेलिविजन के क्षेत्र में छात्रों के लिए रोजगार के सुवर्ण अवसरों की जानकारी दी। उन्होने यह भी कहा कि अपनी प्रतिभा में निखार लाने के लिए छात्रों ने प्रशिक्षण प्राप्त करना ज़रूरी है। इस क्षेत्र में प्रतिभा के साथ साथ धैर्य होना ज़रूरी हैं। चुनौतियों को स्वीकार करने की क्षमता छात्रों में आवश्यक हैं तभी वे इस क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकते हैं।

        हिंदी विभागाध्यक्ष सब लेफ्टनेंट डॉ. शाकिर शेख ने सभी उपस्थितों का स्वागत किया। डॉ. बाबा शेख ने कार्यक्रम का संचालन तथा प्रा. रुकसाना शेख ने आभार व्यक्त किया। वेबिनार को सफल बनाने के लिए उपप्राचार्य प्रा. इम्तियाज़ आगा, डॉ. मो. सलीम मनियार, डॉ. इमरान बेग मिर्ज़ा, प्रा. फ़ारुख शेख ने परिश्रम लिया।

डॉ. आफताब अनवर शेख

प्राचार्य 





 

18 दिसंबर 2021 - विराट कवि सम्मेलन , संस्था एक प्रयास के तत्वावधान में

पूना कॉलेज में विराट कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह

दि. 18 दिसंबर 2021

     पूना कॉलेज, संस्था एक प्रयास एवं पृथा फ़ाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में पूना कॉलेज में विराट कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ। पृथा फ़ाउंडेशन की अध्यक्षा मीनक्षी भालेराव तथा पूना कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आफताब अनवर शेख को इस अवसर पर सम्मानित किया गया। संस्था एक प्रयास के राष्ट्रीय संरक्षक महेंद्र माणिक ने उपस्थितों का स्वागत एवं प्रस्तावना की। मीनक्षी भालेराव ने अपने मन्तव्य में हिंदी के लिए लोगों को जोड़ने की बात कही।

      डॉ. आफताब अनवर शेख ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि आज हिंदी को रोजगार से जोड़ने की आवश्यकता है। हिंदी का अध्यापक कभी अपने छात्रों को निराश न करे, बल्कि हिंदी के छात्रों में नवचेतना निर्माण कर उनके उन्नत भविष्य के लिए प्रयास करे। हिंदी में कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर छात्रों को मिल सकते है। मीडिया, अनुवाद, हिंदी अधिकारी, लेखक, कवि आदि कई क्षेत्रों में छात्र कामियाबी हासिल कर सकते है।  

     पाँच सत्रों में चले कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कविता राजपूत, मुंबई, निधि मैथिल भंडारे, पुणे, प्रा. सरिता दास भट्टाचार्य, नाशिक, श्री चन्द्रकान्त धस, वेदस्मृति कृति, पुणे ने की। वरिष्ठ कवि सुरजीत सिंग ज़ख्मी, इंदिरा शबनम  तथा आर.जे. योगी जी ने सभी कवियों में से उत्कृष्ठ पाठ करनेवाले तीन कवियों का सम्मान किया। जिसमें प्रथम प्रा. सरिता दास, द्वितीय डॉ. मनोज सूर्यवंशी तथा तृतीय ज़ुलेखा चौस रही।

     पूनम सिंह, चैतराली धामनकर, मीनल हरणे, डॉ. रीना रवि मालपानी, सतीश कुलकर्णी, कौसर जहां, डॉ. अनिता जठार, राजकुमार आर्यन, साम्यक्का भालेराव, माधवी जी, प्रचेतन पोतदार, गीतिका द्विवेदी, भावना गुप्ता, रंजीत सिंह, डॉ. अनिल बागवान, संजयनाथ झा, श्रुति पटोले, सर्वजीत किराड, चन्द्रशेखर सराफ़, अक्षय कांबले आदि ने अपनी काव्य रचनाओं से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।

     समापन सत्र की अध्यक्षता उपप्राचार्य इम्तियाज़ आग़ा ने की। उन्होने इस अवसर पर सभी आयोजकों तथा संयोजन में सहकार्य करनेवालों की सराहना की। सम्मेलन की सफलता हेतु ओंडरीला मुजूमदार, प्राचीती पुंडे, कशिश जुधानी, प्राजकता नोएल, आमिर खान, आरिफ़ शेख आदि ने सहयोग दिया।

     कार्यक्रम का संचालन संस्था एक प्रयास की महिला महामंत्री कवयित्री दीपिका कटरे ने तथा ऋण निर्देश हिंदी विभागाध्यक्ष सब लेफ्टनेंट डॉ. मोहम्मद शाकिर शेख ने किया।

 

डॉ. आफताब अनवर शेख

प्राचार्य






 

11 दिसंबर 2021 - तालुकास्तरीय वक्तृत्व प्रतियोगिता, नेहरू युवा केंद्र के तत्वावधान में



 

14 सितंबर 2021 - राष्ट्रीय वेबिनार

पूना कॉलेज में हिंदी पखवाड़े का उदघाटन तथा राष्ट्रीय वेबिनार

दि. 14 सितंबर 2021

        नेहरू युवा केंद्र महाराष्ट्र कार्यालय, नेहरू युवा केंद्र पुणे तथा पूना कॉलेज हिंदी विभाग एवं आय. क्यू. ए. सी. के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी पखवाडे का उदघाटन सम्पन्न हुआ। नेहरू युवा केंद्र के उपनिदेशक यशवंत मानखेडकर ने हिंदी पखवाड़े का उदघाटन करते हुए संविधान में राजभाषा हिंदी के विकास हेतु किए जानेवाले प्रयासों की जानकारी दी। उपप्राचार्य प्रा. मोइनूद्दीन खान ने सभी उपस्थितों का स्वागत किया।  राष्ट्रीय सेवा योजना क्षेत्रीय कार्यालय पुणे के क्षेत्रीय निदेशक डी. कार्तिकेयन ने अध्यक्षीय समापन में हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होने हिंदी छात्रों, एनसीसी कैडेट्स तथा रासेयों स्वयंसेवकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर सभी उपस्थितों ने भारत सरकार गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग की ओर से राजभाषा प्रतिज्ञा ली।

         हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत ऑनलाइन राष्ट्रीय वेबिनार सम्पन्न हुआ। वेबिनार की प्रस्तावना सब लेफ्टिनेंट डॉ. मो. शाकिर शेख ने की। नेहरू युवा केंद्र महाराष्ट्र के राज्य निदेशक प्रकाशकुमार मनुरे ने वेबिनार का उदघाटन करते हुए राजभाषा हिंदी का महत्व स्पष्ट किया।

        डॉ. नूरजहान रहमतुल्लाह, असम ने हिंदी के वैश्विक परिदृश्य पर अपने विचारों से अवगत कराया। उन्होने कहा कि हिंदी भाषा संपर्क भाषा है जो भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखती है।  डॉ. अरुणा हिरेमठ, रायचूर ने हिंदी में रोजगार के अवसर पर वक्तव्य देते हुए हिंदी के महत्व और राष्ट्रभाषा की गरिमा पर अपने विचार प्रकट किए।

        प्राचार्य डॉ. आफताब अनवर शेख ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हिंदी को रोजगार से जोड़ना आज की प्रासंगिकता बन गयी है। वैश्वीकरण एवं बाजारवाद के युग में हिंदी भाषा  युवाओं को रोजगार देने में सक्षम है। साहित्य के अध्ययन द्वारा हम अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकते है।

        डॉ. बाबा शेख तथा डॉ. मो. सलिम मनियार ने वेबिनार का सूत्र संचालन तथा उपप्राचार्य प्रा. इम्तियाज़ आग़ा ने ऋण निर्देश व्यक्त किया। डॉ. इमरान बेग मिर्ज़ा और प्रा. फ़ारुख शेख ने तकनीकी सहकार्य किया। प्रा. असद शेख, प्रा. इमरान शेख तथा तौसिफ़ शेख, एन.सी.सी कैडेट्स, एन.एस.एस. स्वयंसेवकों ने आयोजन के लिए सहकार्य किया।   

 

डॉ. आफताब अनवर शेख

प्राचार्य  

     




 

14 सितंबर 2021 - हिंदी पखवाड़ा उदघाटन, नेहरू युवा केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में

पूना कॉलेज में हिंदी पखवाड़े का उदघाटन तथा राष्ट्रीय वेबिनार

दि. 14 सितंबर 2021

      नेहरू युवा केंद्र महाराष्ट्र कार्यालय, नेहरू युवा केंद्र पुणे तथा पूना कॉलेज हिंदी विभाग एवं आय. क्यू. ए. सी. के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी पखवाडे का उदघाटन सम्पन्न हुआ। नेहरू युवा केंद्र के उपनिदेशक यशवंत मानखेडकर ने हिंदी पखवाड़े का उदघाटन करते हुए संविधान में राजभाषा हिंदी के विकास हेतु किए जानेवाले प्रयासों की जानकारी दी। उपप्राचार्य प्रा. मोइनूद्दीन खान ने सभी उपस्थितों का स्वागत किया।  राष्ट्रीय सेवा योजना क्षेत्रीय कार्यालय पुणे के क्षेत्रीय निदेशक डी. कार्तिकेयन ने अध्यक्षीय समापन में हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होने हिंदी छात्रों, एनसीसी कैडेट्स तथा रासेयों स्वयंसेवकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर सभी उपस्थितों ने भारत सरकार गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग की ओर से राजभाषा प्रतिज्ञा ली।

       हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत ऑनलाइन राष्ट्रीय वेबिनार सम्पन्न हुआ। वेबिनार की प्रस्तावना सब लेफ्टिनेंट डॉ. मो. शाकिर शेख ने की। नेहरू युवा केंद्र महाराष्ट्र के राज्य निदेशक प्रकाशकुमार मनुरे ने वेबिनार का उदघाटन करते हुए राजभाषा हिंदी का महत्व स्पष्ट किया।

      डॉ. नूरजहान रहमतुल्लाह, असम ने हिंदी के वैश्विक परिदृश्य पर अपने विचारों से अवगत कराया। उन्होने कहा कि हिंदी भाषा संपर्क भाषा है जो भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखती है।  डॉ. अरुणा हिरेमठ, रायचूर ने हिंदी में रोजगार के अवसर पर वक्तव्य देते हुए हिंदी के महत्व और राष्ट्रभाषा की गरिमा पर अपने विचार प्रकट किए।

      प्राचार्य डॉ. आफताब अनवर शेख ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हिंदी को रोजगार से जोड़ना आज की प्रासंगिकता बन गयी है। वैश्वीकरण एवं बाजारवाद के युग में हिंदी भाषा  युवाओं को रोजगार देने में सक्षम है। साहित्य के अध्ययन द्वारा हम अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकते है।

      डॉ. बाबा शेख तथा डॉ. मो. सलिम मनियार ने वेबिनार का सूत्र संचालन तथा उपप्राचार्य प्रा. इम्तियाज़ आग़ा ने ऋण निर्देश व्यक्त किया। डॉ. इमरान बेग मिर्ज़ा और प्रा. फ़ारुख शेख ने तकनीकी सहकार्य किया। प्रा. असद शेख, प्रा. इमरान शेख तथा तौसिफ़ शेख, एन.सी.सी कैडेट्स, एन.एस.एस. स्वयंसेवकों ने आयोजन के लिए सहकार्य किया।   

 

डॉ. आफताब अनवर शेख

प्राचार्य  






 

31 जुलाई 2021 - प्रेमचंद जयंती वेबिनार

जीवनसंघर्ष का मूलमंत्र प्रेमचंद साहित्य में मिलता है - डॉ. मिर्ज़ा हाशम बेग

दि. 31 जुलाई 2021

        प्रेमचंद जी के साहित्य में सच्चे भारतीय व्यक्तित्व की झलक दिखाई देती है। उन्होने अपने संघर्षमय जीवन को हृदय में सँजोया और उसकी अभिव्यक्ति साहित्य के माध्यम से की इसीलिए उनका साहित्य बेहद संवेदनशील और मार्मिक बन पड़ा है। प्रेमचंद के पात्रों में संघर्षशील व्यक्तित्व दिखाई देता है। परिस्थिति का डटकर मुक़ाबला करना उन्हें आता है। किसी भी पात्र ने परिस्थिति के सामने घुटने नहीं टेके और न ही आत्महत्या की। जीवनसंघर्ष का मूलमंत्र प्रेमचंद साहित्य में मिलता है। ऐसा डॉ. मिर्ज़ा हाशम बेग, नलदुर्ग ने राष्ट्रीय वेबिनार के बीजभाषण में कहा.

       पूना कॉलेज में हिंदी विभाग एवं उर्दू, अरेबिक, पर्शियन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मुंशी प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य में वेबिनार सम्पन्न हुआ। वेबिनार की प्रस्तावना सब लेफ्टिनेंट डॉ. मो. शाकिर शेख ने की। उपप्राचार्य प्रा. इम्तियाज़ आग़ा ने सभी उपस्थित मान्यवरों का स्वागत किया।  उपप्राचार्य प्रा. मोइनूद्दीन खान ने वेबिनार का उदघाटन करते हुए उनके जीवन संघर्षों से परिचित करवाया। उन्होने कहा कि प्रेमचंद नाम का संदेश ही है – प्रेम, प्रयास और परिश्रम। प्रेमचंद के विचारों को पढ़ने, अपनाने और उन पर अमल करने की आज ज़रूरत है।

              डॉ. सुनीता यदुवंशी, कानपुर ने प्रेमचंद के उपन्यास साहित्य पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि प्रेमचंद का साहित्य प्रगतिवाद, मार्क्सवाद और गांधीवादी भावनाओं से ओतप्रोत है। प्रेमचंद ने यथार्थ का चित्रण किया। अपने जीवन में सच्चाई को बखूबी निभाया, जिया और साहित्य में उतारा।

       डॉ. सुरेखा मंत्री, यवतमाल ने प्रेमचंद के कहानी साहित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रेमचंद से पूर्व साहित्य में मनोरंजन के तत्व हुआ करते थे, प्रेमचंद ने तत्कालीन सामाजिक सरोकारों से अवगत करवाया। उनके साहित्य का उद्देश्य मानवतावादी दृष्टि का विकास, समाज के सभी वर्ग का चित्रण करना है। डॉ. अब्दुल बारी, पुणे ने उर्दू साहित्य में प्रेमचंद के योगदान को लेकर बात कही।

       प्राचार्य डॉ. आफताब अनवर शेख ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि प्रेमचंद का साहित्य आज भी प्रासंगिक है, उनके साहित्य को हम आज भी नहीं भूल पाये। प्रेमचंद सच्चे अध्यापक, पत्रकार और साहित्यकार है। उनके विचारों को पढ़कर उन्हे अपना चाहिए।

डॉ. बाबा शेख ने वेबिनार का सूत्र संचालन तथा डॉ. मो. सलिम मनियार में ऋण निर्देश व्यक्त किया। डॉ. इमरान बेग मिर्ज़ा और प्रा. फ़ारुख शेख ने तकनीकी सहकार्य किया।

       इस अवसर पर डॉ. मीता सोलंकी, डॉ. शहाबुद्दीन शेख, डॉ. माधुरी नगरकर, प्रा. लता चंद्रा, डॉ. मंगला कठारे, डॉ. सादिका नवाब सहर, डॉ. हसन खान कुलकर्णी, डॉ. मनीषा ठक्कर, डॉ. मधु वर्मा, डॉ. छाया पाटिल, डॉ. ऐनूर इनामदार, डॉ. अब्दुल अलिम, डॉ. नूरजहान रहमतुल्लाह, डॉ. पुष्पा पुष्पध, डॉ. प्रमोद पडवल, डॉ. ज्योति मूंगल, डॉ. वैशाली झगड़े, डॉ. साधना भंडारी डॉ. मनोहर जमदाले, प्रा. रुकसाना शेख आदि ऑनलाइन उपस्थित थे।  

डॉ. आफताब अनवर शेख

प्राचार्य  



 

07 जुलाई 2021 - साबुन और मास्क वितरण, गोलीबार मैदान चौक





 

10 जनवरी 2021- विश्व हिंदी दिवस प्रश्न मंजूषा


 

15 अक्तूबर 2020 - वाचन प्रेरणा दिवस



 

22 सितंबर 2020 - अंतरराष्ट्रीय वेबिनार - मीडिया और साहित्य का बदलता स्वरूप

कोविड 19 लॉक डाउन के परिप्रेक्ष्य में सोशल मीडिया, हिंदी अध्ययन अध्यापन और हिंदी का बदलता स्वरूप विषय पर अंतरराष्ट्रीय वेबिनार सम्पन्न

दि. 22 सितंबर 2020

पूना कॉलेज हिंदी विभाग एवं नेहरू युवा केंद्र पुणे के संयुक्त तत्वावधान में दि. 22 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय वेबिनार सम्पन्न हुआ। प्राचार्य डॉ. आफताब अनवर शेख, नेहरू युवा केंद्र, पुणे के जिला युवा समन्वयक यशवंत मानखेडकर के मार्गदर्शन में आयोजित इस वेबिनार में देश विदेश के विद्वानों ने 110 प्रतिभागियों को मार्गदर्शन किया।

संयोजक डॉ. शाकिर शेख ने सभी उपस्थितों का स्वागत करते हुए प्रस्तावना की।

डॉ. सदानंद भोसले, प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, हिंदी विभाग, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय ने बीज भाषण में कोविड 19 लॉक डाउन के परिप्रेक्ष्य में सोशल मीडिया, हिंदी अध्ययन अध्यापन और हिंदी का बदलता स्वरूप विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।  

डॉ. नवीन चन्द्र लोहनी , पूर्व आय. सी. सी आर. चेयर, शांघई चीन ने सोशल मेडिया में हो रहे परिवर्तन पर मार्गदर्शन किया।

डॉ. नीलम जैन, साहित्यकार, यू. एस. ए. ने साहित्य के बदलते स्वरूप पर अपने विचार व्यक्त किए।

डॉ. राजकुमारी गौतम, ब्रूसेल , बेल्जियम, यूरोप ने ऑनलाइन हिंदी अध्ययन अध्यापन पद्धति पर मार्गदर्शन किया।

डॉ. शहाबुद्दीन शेख, पूर्व प्राचार्य, लोकसेवा कॉलेज, औरंगाबाद ने सोशल मीडिया और हिंदी के बदलते स्वरूप पर अपना मन्तव्य व्यक्त किया।

वेबिनार का संचालन संयोजक डॉ. बाबा शेख ने तथा आभार उपप्राचार्य इम्तियाज़ आग़ा ने किया। वेबिनार को सफल बनाने में प्रा. इमरान बेग मिर्ज़ा, डॉ. मो. सलिम मनियार, प्रा. रुकसाना शेख, खिजर शेख आदि ने परिश्रम लिया। 







 

07 मार्च 2020 - अतिथि व्याख्यान - डॉ. प्रिया ए.

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25 मार्च 2023 - इंद्रधनुष कवि सम्मेलन

पूना कॉलेज हिंदी विभाग , आय क्यू ए सी तथा प्रतिभा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में कवि सम्मेलन इंद्रधनुष्य दि. 25   मार्च 2023   शाम...