शुक्रवार, 30 सितंबर 2022

28 सितंबर 2022 - नेहरू युवा केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में जिलास्तरीय स्व रचित काव्य वाचन एवं भाषण प्रतियोगिता







 

14 सितंबर 2022 - ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : हिंदी की भूमिका’ विषय पर राष्ट्रीय गोष्ठी, पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह

 
















 राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : हिंदी की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय गोष्ठी, पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह

14 सितंबर 2022

नेहरू युवा केंद्र पुणे, युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार, पूना कॉलेज आय क्यू ए सी, हिंदी विभाग, पृथा फ़ाउंडेशन, एड्यूथान संस्था के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी , पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ। नेहरू युवा केंद्र महाराष्ट्र के सह संचालक श्री यशवंत मानखेडकर तथा पूना कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आफताब अनवर शेख के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में उपप्राचार्य मोइनूद्दीन खान ने सभी उपस्थितों का स्वागत किया। उपप्राचार्य प्रा. इम्तियाज़ आगा ने प्रास्ताविक प्रस्तुत किया। बालभारती पुणे की समन्वयक डॉ. अलका पोतदार ने बीजभाषण में नई शिक्षा नीति पर अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. रत्ना चौधरी, वर्धा द्वारा लिखित हिंदी उपन्यासों में समाज जीवन इस पुस्तक का विमोचन सभी मान्यवरों के करकमलों द्वारा हुआ। डॉ. रत्ना चौधरी ने अपनी पुस्तक का परिचय करवाते हुए सभी का आभार व्यक्त किया।

हिंदी सलाहकार समिति, भारत सरकार के सदस्य श्री वीरेंद्र कुमार यादव, पटना ने उदघाटन के अवसर पर कहा कि बहुभाषी भारत देश में संपर्क व सशक्त भाषा के रूप में उसके सार्वदेशिक विकास के लिए राष्ट्रीय सोच बनाने की आज नितांत आवश्यकता है। श्री यादव ने आगे कहा कि वर्तमान में हिंदी को साहित्य से भी आगे जाकर इसे ज्ञान विज्ञान की ही नहीं, बल्कि शासन, प्रशासन व न्याय की भाषा बनाने की आवश्यकता है। हमें अपनी मानसिकता बदलकर हिंदी साहित्य भारतीय भाषाओं की समृद्धि में सक्रिय योगदान करना होगा।

        विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्था, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. शहाबुद्दीन शेख, पुणे ने समारोह की अध्यक्षता की। श्री यादव ने आगे कहा कि वर्तमान में हिंदी को साहित्य से भी आगे जाकर इसे मान ज्ञान की ही नहीं, बल्कि शासन, प्रशासन व न्याय की भाषा बनाने की आवश्यकता है। हमें अपनी मानसिकता बदलकर हिंदी साहित्य भारतीय भाषाओं की समृद्धि में सक्रिय योगदान करना होगा। अध्यक्षीय समापन करते हुए डॉ. शहाबुद्दीन शेख ने कहा कि हिंदी ने भारत व भारत के बाहर विश्व मंच पर भरपूर प्रगति साधी है। फिर भी भारतीय संस्कृति को अबाधित रखने के लिए हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं को विकसित करना होगा। हिंदी के लिए रोमन लिपि का प्रयोग बहुत बड़ा संकट है। हिंदी के अस्तित्व के लिए सभी क्षेत्रों में देवनागरी लिपि का ही प्रयोग बहुत ज़रूरी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन आरंभ हुआ है, जो भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देगी। क्षेत्रीय तथा मातृभाषा के माध्यम दी जानेवाली शिक्षा निःसन्देह परिणामकारक सिद्ध होगी। ज्ञान व कौशल के साथ ये शिक्षा नीति देश के युवा वर्ग को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगी।

        तकनीकी सत्र की अध्यक्षता लखनऊ से पधारी डॉ. रेणु सिंह ने की। इस सत्र में डॉ. प्रेरणा उबाले, डॉ. निर्मला राजपूत, श्रीमती मीनाक्षी भालेराव, भावना गुप्ता ने नई शिक्षा नीति और हिंदी के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए।

        सम्मान समारोह के अंतर्गत डॉ. रीना सुरडकर, अजंता, डॉ. रत्ना चौधरी, वर्धा, डॉ. मिलिंद बनकर, प्रा. किरण नगरे, डॉ. प्रेरणा उबाले, डॉ. शकीला मुल्ला, डॉ. निर्मला राजपूत, प्रा. दीपिका कटरे, कांचन पाडलकर, सरबजीत किराड़, प्रचेतन पोतदार, प्रा. इम्तियाज़ आगा, प्रा. रुकसाना शेख,  डॉ. बाबा शेख, डॉ. मो. सलीम मनियार, दयानन्द कनकदन्डे आदि को हिंदी सेवी सम्मान से अलंकृत किया गया। इस अवसर पर लायन सुभाष गोयल उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बाबा शेख तथा आभार डॉ. शाकिर शेख ने किया।       

31 July 2022 - मुंशी प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय वेबिनार

 







“प्रेमचंद साहित्य में मानवीय मूल्य की सीख मिलती है” - डॉ.सूफिया यास्मीन, कोलकाता

दि. 31 जुलाई 2022

           प्रेमचंद साहित्य में मानवीय मूल्य की सीख मिलती है । उन्होने अपने संघर्षमय जीवन को हृदय में सँजोया और उसकी अभिव्यक्ति साहित्य के माध्यम से की इसीलिए उनका साहित्य बेहद संवेदनशील और मार्मिक बन पड़ा है। ऐसा व्यक्तव्य डॉ.सूफिया यास्मीन (कोलकाता) ने राष्ट्रीय वेबिनार में किया।

          पूना कॉलेज हिंदी विभाग एवं व्यंकटेश महाजन वरिष्ठ महाविद्यालय उस्मानाबाद के संयुक्त तत्वावधान में मुंशी प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य में वेबिनार सम्पन्न हुआ। प्राचार्य डॉ. आफताब अनवर शेख के मार्गदर्शन में आयोजित इस वेबिनार की प्रस्तावना तथा सूत्र संचालन सब लेफ्टनेंट डॉ. मो. शाकिर शेख ने की। अतिथियो का परिचय डॉ. विनोदकुमार वायचल ने किया। 

          डॉ.ममता जैन, पुणे  ने इस अवसर पर कहा कि प्रेमचंद जी के साहित्य में सच्चे भारतीय व्यक्तित्व की झलक दिखाई देती है। उन्होने अपने संघर्षमय जीवन को हृदय में सँजोया और उसकी अभिव्यक्ति साहित्य के माध्यम से की इसीलिए उनका साहित्य बेहद संवेदनशील और मार्मिक बन पड़ा है। प्रेमचंद के पात्रों में संघर्षशील व्यक्तित्व दिखाई देता है। परिस्थिति का डटकर मुक़ाबला करना उन्हें आता है। किसी भी पात्र ने परिस्थिति के सामने घुटने नहीं टेके और न ही आत्महत्या की। जीवनसंघर्ष का मूलमंत्र प्रेमचंद साहित्य में मिलता है।

          प्राचार्य प्रो. डॉ प्रशांत चौधरी ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि प्रेमचंद का साहित्य आज भी प्रासंगिक है, उनके साहित्य को हम आज भी नहीं भूल पाये। आज़ादी की लडा ई में किए कार्ये को हमें याद रखना चाहिए । उनके विचारों को पढ़कर उन्हे अपनाना चाहिए।

                    इस अवसर पर डॉ. शहाबुद्दीन शेख, डॉ. माधुरी नगरकर, डॉ. राकेश पानसे, डॉ. शशिकांत सोनवणे, प्रा. महेबूब, प्रा. उज्वला पिंगले, नाज़िश बेग, प्रा. इम्तियाज़ आगा, डॉ. मनियार सलिम, कौसर जहाँ, डॉ.प्रिया ए, भावना गुप्ता, डॉ. एन.डी.शेख, डॉ. जयश्री, क्षमा सराफ़, अन्य प्राध्यापक एवं छात्र बड़ी संख्या में ऑनलाइन उपस्थित थे।  डॉ. बाबा शेख ने सभी अतिथियों एवं उपस्थितों का ऋण निर्देश व्यक्त किया। डॉ. इमरान बेग मिर्ज़ा और प्रा. फ़ारुख शेख ने तकनीकी सहकार्य किया।

डॉ. आफताब अनवर शेख

                                                                                         प्राचार्य 

25 मार्च 2023 - इंद्रधनुष कवि सम्मेलन

पूना कॉलेज हिंदी विभाग , आय क्यू ए सी तथा प्रतिभा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में कवि सम्मेलन इंद्रधनुष्य दि. 25   मार्च 2023   शाम...