“प्रेमचंद साहित्य में मानवीय मूल्य की सीख
मिलती है” - डॉ.सूफिया यास्मीन,
कोलकाता
दि. 31
जुलाई 2022
“प्रेमचंद साहित्य में मानवीय मूल्य
की सीख मिलती है । उन्होने अपने संघर्षमय जीवन को हृदय में सँजोया और उसकी
अभिव्यक्ति साहित्य के माध्यम से की इसीलिए उनका साहित्य बेहद संवेदनशील और
मार्मिक बन पड़ा है।” ऐसा व्यक्तव्य डॉ.सूफिया यास्मीन (कोलकाता)
ने राष्ट्रीय वेबिनार में किया।
पूना कॉलेज हिंदी विभाग एवं व्यंकटेश
महाजन वरिष्ठ महाविद्यालय उस्मानाबाद के संयुक्त तत्वावधान में मुंशी प्रेमचंद
जयंती के उपलक्ष्य में वेबिनार सम्पन्न हुआ। प्राचार्य डॉ. आफताब अनवर शेख के
मार्गदर्शन में आयोजित इस वेबिनार की प्रस्तावना तथा सूत्र संचालन सब लेफ्टनेंट
डॉ. मो. शाकिर शेख ने की। अतिथियो का परिचय डॉ. विनोदकुमार वायचल ने किया।
डॉ.ममता जैन,
पुणे ने
इस अवसर पर कहा कि “प्रेमचंद जी के साहित्य में सच्चे
भारतीय व्यक्तित्व की झलक दिखाई देती है। उन्होने अपने संघर्षमय जीवन को हृदय में
सँजोया और उसकी अभिव्यक्ति साहित्य के माध्यम से की इसीलिए उनका साहित्य बेहद
संवेदनशील और मार्मिक बन पड़ा है। प्रेमचंद के पात्रों में संघर्षशील व्यक्तित्व
दिखाई देता है। परिस्थिति का डटकर मुक़ाबला करना उन्हें आता है। किसी भी पात्र ने
परिस्थिति के सामने घुटने नहीं टेके और न ही आत्महत्या की। जीवनसंघर्ष का मूलमंत्र
प्रेमचंद साहित्य में मिलता है।“
प्राचार्य प्रो. डॉ प्रशांत चौधरी ने
अध्यक्षीय भाषण में कहा कि प्रेमचंद का साहित्य आज भी प्रासंगिक है,
उनके साहित्य को हम आज भी नहीं भूल पाये। आज़ादी की लडा ई में किए कार्ये को हमें
याद रखना चाहिए । उनके विचारों को पढ़कर उन्हे अपनाना चाहिए।
इस
अवसर पर डॉ. शहाबुद्दीन शेख, डॉ. माधुरी नगरकर,
डॉ. राकेश पानसे, डॉ. शशिकांत सोनवणे,
प्रा. महेबूब, प्रा. उज्वला पिंगले,
नाज़िश बेग, प्रा. इम्तियाज़ आगा,
डॉ. मनियार सलिम, कौसर जहाँ,
डॉ.प्रिया ए, भावना गुप्ता,
डॉ. एन.डी.शेख, डॉ. जयश्री,
क्षमा सराफ़, अन्य प्राध्यापक एवं छात्र बड़ी
संख्या में ऑनलाइन उपस्थित थे। डॉ. बाबा
शेख ने सभी अतिथियों एवं उपस्थितों का ऋण निर्देश व्यक्त किया। डॉ. इमरान बेग
मिर्ज़ा और प्रा. फ़ारुख शेख ने तकनीकी सहकार्य किया।
डॉ. आफताब
अनवर शेख
प्राचार्य
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